कमरा नंबर 103 – वो कमरा जो रात में साँसें रोक देता है

kamra no.103


लेखक: RuhRahasya Team

श्रेणी: हिंदी हॉरर कहानियाँ | भूतिया जगहों की सच्चाई



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भूमिका:


शहरों की चकाचौंध के पीछे कई बार अंधेरे छिपे होते हैं – ऐसे अंधेरे जो केवल रात में नहीं, आत्मा में भी उतर जाते हैं। ऐसी ही एक जगह थी — "हिलटॉप लॉज", और उसमें स्थित कमरा नंबर 103।

जहाँ कोई एक बार सो गया… तो फिर कभी नहीं जागा।



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लॉज की चुप्पी में छिपा चीखता अतीत


हिलटॉप लॉज, उत्तराखंड की एक शांत पहाड़ी पर स्थित एक पुराना लॉज है। सस्ते रेट और खूबसूरत लोकेशन के कारण वहाँ टूरिस्ट रुकते थे, मगर कमरा नंबर 103 को लेकर हमेशा कुछ अजीब बातें सामने आती रहीं।


कभी कोई कहता, वहाँ रात में किसी और की सांसें सुनाई देती हैं।


कभी कोई बोलता, बिस्तर अपने आप हिलता है।


और एक बार तो एक गेस्ट की नींद में मौत हो गई… बिना किसी मेडिकल कारण के।



वेदांत, एक युवा पत्रकार, इन अफवाहों की सच्चाई जानने के लिए वहाँ रुका। उसने ठान लिया कि वो 103 नंबर कमरे में ही रुकेगा।



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पहली रात – दरवाज़े के पीछे से आती आवाज़

Bathroom me darawna chera


रात का समय था, वेदांत ने कैमरा और वॉइस रिकॉर्डर ऑन कर दिए। कमरे में अजीब सी ठंडक थी।

करीब 2:13 AM पर…


> "टप… टप… टप…"


बाथरूम से गिरते पानी की आवाज़ आई, जबकि उसने नल पहले ही बंद किया था।




जब वो बाथरूम पहुँचा, आईने पर किसी और की परछाई थी — और उसकी आँखें खून की तरह लाल थीं। मगर पल भर में सब गायब हो गया।



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दूसरी रात – वो जो जागने नहीं देता

Bistar par chudail


दूसरी रात वेदांत ने बिस्तर पर कैमरा लगाया। आधी रात को अचानक वो चिल्लाते हुए जागा।


> "क… कौन है वहाँ?"


एक अजीब सी आवाज़ आई — "अब तो जाग गए… पर ज़्यादा देर नहीं…"




सुबह रिकॉर्डिंग देखी तो उसके शरीर के ऊपर कुछ दिखा — एक औरत की धुंधली परछाई जो बिस्तर के ऊपर झुकी थी… और कह रही थी:


> "जो भी यहाँ गहरी नींद में गया… वो मेरी दुनिया में चला गया।"





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1983 का वो केस – गुमशुदा लड़की

1983 se gumshuda ladki


वेदांत ने लॉज के पुराने रिकॉर्ड खंगाले। पता चला, 1983 में एक लड़की — 'नैना' — उस कमरे में ठहरी थी और फिर कभी नहीं मिली। उसके रूममेट ने बताया:


> "वो सोने गई थी… मगर सुबह तक उसका बिस्तर खाली था। खिड़की बंद थी, दरवाज़ा अंदर से लॉक।"




लोगों ने कहा – नैना आज भी उस कमरे में फंसी है, और हर सोते हुए गेस्ट को अपने साथ खींच लेती है… ताकि वो अकेली न रहे।



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अंतिम रात – नींद का आखिरी दरवाज़ा

Neend ka aakhri darwaza


तीसरी रात वेदांत ने खुद को नींद से बचाने की कोशिश की – कॉफी पी, तेज़ म्यूज़िक लगाया। मगर रात के 3:00 बजे उसकी आँखें खुद-ब-खुद बंद होने लगीं।


> सपने में वो उसी कमरे में था… मगर सब कुछ सफ़ेद और धुंधला था।

और सामने वही लड़की… नैना, बोल रही थी –

"अब तुम भी यहीं रहो… हमेशा के लिए…"


Darwaza khud hi band ho gya



वेदांत चीखते हुए जागा, मगर पाया कि वो बिस्तर से ज़मीन पर गिरा हुआ था, और कमरे का दरवाज़ा खुद-ब-खुद बंद हो गया था।



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कमरे का बंद होना… हमेशा के लिए

Kamra 103 seel ho gya


अगली सुबह लॉज के मालिक ने कमरे को सील कर दिया।

कमरा नंबर 103 आज भी है… मगर वहाँ अब कोई नहीं ठहरता।


> और अगर कोई ज़बरदस्ती वहाँ रुकने की कोशिश करता है…

तो अगली सुबह बिस्तर खाली होता है… और इंसान गायब।





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क्या यह सच्ची कहानी है?


इस लॉज की सच्चाई आज भी एक रहस्य है। कई लोग कहते हैं ये सिर्फ़ अफवाहें हैं, मगर जो भी वहाँ गया, उसकी दास्तान सुनकर रूह काँप जाती है।



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क्या आप रुकेंगे कमरा नंबर 103 में...?


अगर आपको कभी हिलटॉप लॉज जाना पड़े, और रिसेप्शनिस्ट बोले कि "आज सिर्फ कमरा नंबर 103 खाली है…"


तो क्या आप… हाँ कहेंगे?



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तैयार हूँ अगले एपिसोड के लिए भी – बताइए किसकी बारी है?


1. जंगल में गूंजती आवाज़



2. वो तस्वीर जो हर रात बदलती है



3. अधूरी चिट्ठी




बताइए कौन-सी कहानी चाहिए अगली पोस्ट में?


अन्य डरावनी कहानियाँ जो आपको हिला कर रख देंगी:


 1. कमरे का दरवाज़ा कभी बंद मत करना…

एक हॉस्टल रूम जहाँ दरवाज़ा बंद करना मौत को बुलावा देना होता है।




 2. राजमहल की आखिरी सीढ़ी

उस महल की सीढ़ी जहाँ समय थम जाता है… और आत्मा जाग जाती है।



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डिस्क्लेमर:




यह कहानी काल्पनिक घटनाओं और लोककथाओं से प्रेरित है। इसका उद्देश्य केवल मनोरंजन और हॉरर प्रेमियों को रोमांचित करना है। कृपया इसे वास्तविकता न मानें।